2019 में किस क्षेत्र में किसे मिला नोबेल पुरस्कार,विजेता जानें …

17 May
नोबेल पुरस्कार विजेता

नोबेल पुरस्कार को दुनिया का सर्वोच्च सम्मान कहा जाता है। नोबेल पुरस्कार 2019 के सभी विजेताओं की घोषणा हो चुकी है। नोबेल पुरस्कार शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिया जाता है। भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी को अर्थशास्त में नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई है।


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कब और कैसे हुई नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत?

नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत 10 दिसम्बर 1901 को हुई थी। उस समय रसायन शास्त्र, भौतिक शास्त्र, चिकित्सा शास्त्र, साहित्य और विश्व शांति के लिए पहली बार ये पुरस्कार दिया गया था। पुरस्कार में करीब साढ़े पांच लाख रुपये की धनराशि दी गई थी।
इस पुरस्कार की स्थापना स्वीडन के सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक और डायनामाइट के आविष्कारक डॉ अल्फ्रेड नोबेल द्वारा 27 नवम्बर 1895 को की गई वसीयत के आधार पर की गई थी, जिसमें उन्होंने रसायन, भौतिकी, चिकित्सा, साहित्य और विश्व शांति के लिए विशिष्ट कार्य करने के लिए अपनी समूची सम्पत्ति (करीब 90 लाख डॉलर) से मिलने वाले ब्याज का उपयोग करते हुए उत्कृष्ट कार्य करने का अनुरोध किया था और इस कार्य के लिए धन के इस्तेमाल हेतु एक ट्रस्ट की स्थापना का प्रावधान दिया था।

इन पांचों क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों के नाम का चयन करने के लिए उन्होंने अपनी वसीयत में कुछ संस्थाओं का उल्लेख किया था।
10 दिसम्बर 1896 को डा अल्फ्रेड नोबेल तो दुनिया से विदा हो गए पर रसायन, भौतिकी, चिकित्सा, साहित्य और विश्व शांति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों के लिए अथाह धनराशि छोड़ गए।

क्या है नोबेल फाउंडेशन

इसकी स्थापना 29 जून 1901 में हुई थी. इस फाउंडेशन का उद्देश्य नोबेल प्राइज का आर्थिक संचालन करना है. इस फाउंडेशन में कुल पांच लोग होते हैं. इस फाउंडेशन के मुखिया का चयन स्वीडन का किंग ऑफ काउंसिल करता है. हर साल अक्टूबर में नोबेल पुरस्कार का ऐलान होता है. नोबेल प्राइज जीतने वाले लोगों को पुरस्कार और धन राशि 10 दिसंबर को दिया जाता है. बता दें कि 10 दिसंबर को अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि होती है.

कौन थे अल्फ्रेड नोबेल?

अल्फ्रेड नोबेल विश्व के महान आविष्कारक थे, जिन्होंने अनेक आविष्कार किए और अपने जीवनकाल में अपने विभिन्न आविष्कारों पर कुल 355 पेटेंट कराए थे।
उन्होंने रबड़, चमड़ा, कृत्रिम सिल्क जैसी कई चीजों का आविष्कार करने के बाद डायनामाइट का आविष्कार करके पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया और विश्वभर में विकास कार्यो को नई गति एवं दिशा प्रदान की।
क्योंकि, डायनामाइट के आविष्कार के बाद ही सुरक्षित विस्फोटक के जरिए भारी-भरकम चट्टानों को तोड़कर सुरंगे और बांध बनाने तथा रेल की पटरियां बिछाने का कार्य संभव हो पाया था।
उन्होंने डायनामाइट के विकास की प्रक्रिया में काफी नुकसान भी झेला लेकिन वे दृढ़ निश्चयी थे और इसकी परवाह न करते हुए खतरनाक विस्फोटक ‘नाइट्रोग्लिसरीन’ के इस्तेमाल से डायनामाइट का आविष्कार करके 1867 में इंग्लैंड में इस पर पेटेंट भी हासिल कर लिया।

डा अल्फ्रेड नोबेल सिर्फ एक आविष्कारक ही नहीं थे बल्कि एक जाने-माने उद्योगपति भी थे। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम के एक छोटे से गांव में 21 अक्तूबर 1833 को जन्में अल्फ्रेड की मां एंडीएटा एहसेल्स धनी परिवार से थी और अल्फ्रेड के पिता इमानुएल नोबेल एक इंजीनियर और आविष्कारक थे, जिन्होंने स्टॉकहोम में अनेक पुल और भवन बनाए थे!
लेकिन जिस साल अल्फ्रेड नोबेल का जन्म हुआ, उसी साल उनका परिवार दिवालिया हो गया था और ये परिवार स्वीडन छोड़कर रूस के पिट्सबर्ग शहर में जा बसा था, जहां उन्होंने बाद में कई उद्योग स्थापित किए, जिनमें से एक विस्फोटक बनाने का कारखाना भी था।

इमानुएल नोबेल और एंडीएटा एहसेल्स की कुल सात संतानें हुई लेकिन उनमें से तीन ही जीवित बचीं।
तीनों में से अल्फ्रेड ही सबसे तेज थे। वो 17 साल की उम्र में ही स्वीडिश, फ्रेंच, अंग्रेजी, जर्मन, रूसी इत्यादि भाषाओं में पारंगत हो चुके थे।
युवावस्था में वे अपने पिता के विस्फोटक बनाने के कारखाने को संभालने लगे। 1864 में कारखाने में अचानक एक दिन भयंकर विस्फोट हुआ और उसमें अल्फ्रेड का छोटा भाई मारा गया। भाई की मौत से वो बहुत दु:खी हुए और उन्होंने विस्फोट को नियंत्रित करने के लिए कोई नया आविष्कार करने की ठान ली।
आखिरकार उन्हें डायनामाइट का आविष्कार करने में सफलता भी मिली।

अल्फ्रेड ने 20 देशों में उस जमाने में अपने अलग-अलग करीब 90 कारखाने स्थापित किए थे, जब यातायात, संचार सरीखी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं थी।
आजीवन कुंवारे रहे अल्फ्रेड नोबेल की रसायन विज्ञान, भौतिकी शास्त्र के साथ-साथ अंग्रेजी साहित्य और कविताओं में भी गहरी रुचि थी और उन्होंने कई नाटक, कविताएं और उपन्यास भी लिखे लेकिन उनकी रचनाओं और कृतियों का प्रकाशन नहीं हो पाया।
10 दिसम्बर 1886 को अल्फ्रेड नोबेल ‘नोबेल पुरस्कारों’ के लिए अपार धनराशि छोड़कर हमेशा के लिए दुनिया से विदा हो गए।

साल 1866 में डायनामाइट का आविष्कार करके 1867 में इस पर पेटेंट हासिल करने के बाद अल्फ्रेड बहुत अमीर हो गए और उनके द्वारा ईजाद किया गया डायनामाइट बेहद उपयोगी साबित हुआ।
लेकिन, इस आविष्कार की वजह से उन्हें बहुत से लोगों द्वारा विध्वंसक प्रवृत्ति का व्यक्ति समझा जाने लगा।
हालांकि, डायनामाइट के आविष्कार के बाद इसके दुरूपयोग की संभावना को देखते हुए अल्फ्रेड खुद भी इस आविष्कार से खुश नहीं थे। यही वजह थी कि उन्होंने डायनामाइट के आविष्कार की बदौलत कमाई अपार धनराशि में से ही नोबेल पुरस्कार शुरू करने की घोषणा की।

नोबेल पुरस्कार 2019 के विजेताओं की सूची

चिकित्सा के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार-

चिकित्सा के क्षेत्र में इस साल तीन वैज्ञानिकों को दुनिया का सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित करने के लिए चुना गया। इन वैज्ञानिकों के नाम विलियम जी केलिन, सर पीटर जे रैटक्लिफ और ग्रेग एल सेमेन्जा हैं। इन्होंने खोज की थी कि कैसे सेल्स ऑक्सीजन को जलाते हैं ताकि शरीर को ऊर्जा मिल सके और नई कोशिकाओं को बनने में मदद मिले।

भौतिकी के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार

ब्रह्मांड के राज खोलने के लिए जेम्स पीबल्स, मिशेल मेयर और डिडिएर क्यूलॉज को भौतिकी के नोबेल से नवाजे गया। कनाडियन-अमेरिकन वैज्ञानिक जेम्स पीबल्स को भौतिक ब्रह्माण्ड विज्ञान में सैद्धांतिक खोज के लिए और स्विस वैज्ञानिक मिशेल मेयर तथा डिडिएर क्यूलॉज को संयुक्त रूप से एक्सोप्लैनेट की खोज के लिए सम्मान दिया गया है।

तीन वैज्ञानिकों को केमिस्ट्री का नोबेल पुरस्कार

1. जॉन बी. गुडइनफ: वे अमेरिकी प्रफेसर हैं. वे वर्तमान में बिंगम्टन यूनिवर्सिटी में प्रफेसर हैं. जॉन बी. गुडइनफ यह पुरस्कार पाने वाले सबसे उम्रदराज विजेता होंगे. वे 97 साल के है. उनसे पहले साल 2018 में 96 साल के आर्थर अश्किन को नोबेल पुरस्कार मिला था.

1. एम. स्टैनली विटिंघम: एम. स्टैनली विटिंघम इंग्लैंड के रहने वाले है. वे 77 साल के है. उन्होंने सुपरकंडक्टर्स (Superconductors) पर शोध शुरू किया तथा एक उच्च ऊर्जा से भरपूर एलिमेंट (तत्व) की खोज की. उन्होंने इसका उपयोग लिथियम बैटरी में एक उच्च प्रौद्योगिकी (हाई टेक्नोलॉजी) कैथोड बनाने हेतु किया है.

3. अकीरा योशिनो: अकीरा योशिनो जापान के रहने वाले है. वे 71 साल के है. इस कैथोड के आधार पर अकीरा योशिनो ने साल 1985 में व्यावसायिक रूप से पहली सक्षम लिथियम आयन बैटरी बनाई थी.

केमेस्ट्री के नोबेल पुरस्कार से जुड़े कुछ मुख्य बिंदु

• केमेस्ट्री में साल 1901 से लेकर साल 2019 तक 111 नोबेल पुरस्कार दिये जा चुके हैं.

• केमेस्ट्री में सबसे कम उम्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले व्यक्ति फ्रेडरिक जूलियट है. इन्होने 35 साल की उम्र में ये पुरस्कार जीता था.

• केमेस्ट्री अबतक पांच महिलाओं को ये पुरस्कार मिल चुका है.केमेस्ट्री

• केमेस्ट्री में सबसे ज्यादा उम्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले व्यक्ति जॉन बी. गुडइनफ है. इन्होने 97 साल की उम्र में ये पुरस्कार जीता है. ये इस साल (2019) अवॉर्ड हासिल करेगें.

• केमेस्ट्री का नोबेल पुरस्कार दो बार फ्रेडरिक सेंगर को साल 1958 तथा साल 1980 में मिल चुका है.

साहित्य का नोबेल पुरस्कार

2019 का पुरस्कार पीटर हैंडके को दिया गया जो आस्ट्रियाई मूल के लेखक हैं। पीटर को भाषा में नवीनतम प्रयोगों के लिए ये पुरस्कार मिला। जबकि लेखिका के साथ साथ सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका निभाने वाली ओल्गा टोकारजुक को 2018 का साहित्य का नोबेल दिया जाएगा।

शांति का नोबेल पुरस्कार

इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद को शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया। यह पुरस्कार उनके देश के चिर शत्रु इरिट्रिया के साथ संघर्ष को सुलझाने के लिए दिया गया। नोबेल पुरस्कार जूरी ने बताया अबी को शांति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्राप्त करने के प्रयासों के लिए और विशेष रूप से पड़ोसी इरिट्रिया के साथ सीमा संघर्ष को सुलझाने के निर्णायक पहल के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार

अर्थशास्त्र के क्षेत्र में भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्थर डफ्लो और माइकल क्रेमर को ‘वैश्विक गरीबी खत्म करने के प्रयोग’ के उनके शोध के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अभिजीत बनर्जी फिलहाल मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। वह और उनकी पत्नी डफ्लो अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी ऐक्शन लैब के सह-संस्थापक भी हैं।

अभिजीत बनर्जी ने 1981 में कोलकाता यूनिवर्सिटी से बीएससी किया था, जबकि 1983 में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) दिल्ली से एमए किया था। इसके बाद उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से 1988 से पीएचडी की।

नोबेल प्राइज विजेता को कितना पैसा मिलता है?

नोबेल पुरस्कार जीतने वाले व्यक्ति को एक नोबेल पदक और डिप्लोमा के साथ पुरस्कार राशि भी दी जाती है. 2019 के नोबेल पुरस्कार पाने वाले विजेताओं को 9 मिलियन स्वीडिश क्राउन (SEK) दी जाएगी. भारतीय रुपये में इस राशि को कनवर्ट करें तो यह राशि लगभग 6.45 करोड़ रुपये होगी. बता दें कि यह राशि बढ़ती-घटती रहती है. दरअसल साल 2017 से पहले तक नोबेल पुरस्‍कार जीतने वालों को 8 मिलियन स्‍वीडिश क्राउन मिलते थे पर साल 2017 में इसे बढ़ाकर 9 मिलियन स्‍वीडिश क्राउन (1.12 मिलियन यूएस डॉलर) कर दिया गया है. अगर किसी क्षेत्र में दो या इससे अधिक व्यक्तियों को संयुक्त रूप से नोबेल प्राइज दिया जाता है तो उनके बीच राशि का बराबर बंटवारा किया जाता है.

नोबेल पुरस्कार से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य जो आपको जानने चाहिए

1-शांति के लिए दिए जाने वाला पुरस्कार ओस्लो में जबकि बाकी सभी अवार्ड स्टॉकहोम में दिए जाते हैं.

2-किसी एक क्षेत्र में एक साल में अधिकतम 3 लोगों को अवार्ड दिया जा सकता है.

3-अगर एक ही पुरस्कार 2 व्यक्तियों को सांझा रूप से मिला है तो धनराशि दोनों में बांटी जाएगी.

ये है 2018 के नोबेल पुरस्कार विजेता

भौतिकी का नोबेल पुरस्कार-

1. भौतिकी का नोबेल पुरस्कार रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस, स्टॉकहोम, स्वीडन द्वारा दिया जाता है.
2. भौतिकी में 1901-2018 के बीच 114 नोबेल पुरस्कारों का वितरण किया गया है
3. अब तक केवल 3 महिलाओं को भौतिकी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है

रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार –

1. रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस, स्टॉकहोम, स्वीडन द्वारा दिया जाता है.
2. रसायन विज्ञान में 1901 और 2018 के बीच 112 नोबेल पुरस्कारों का वितरण किया गया है
3. फ्रेडरिक सेंगर को 1958 में और 1980 में दो बार रसायन विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किया गया है

फिजियोलॉजी या चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार-

1. फिजियोलॉजी या चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार कारोलिंसका इंस्टिट्यूट, स्टॉकहोम, स्वीडन में नोबेल असेंबली द्वारा दिया जाता है.
2. फिजियोलॉजी या चिकित्सा में 1901 और 2018 के बीच 110 नोबेल पुरस्कार का वितरण किया गया है

शांति का नोबेल पुरस्कार-

1. नोबेल शांति पुरस्कार को पांच व्यक्तियों की एक समिति द्वारा सम्मानित किया जाता है जिन्हें नॉर्वेजियन स्टॉर्टिंग (नॉर्वे की संसद) द्वारा चुना जाता है.
2. 1901-2018 के बीच 100 नोबेल शांति पुरस्कारों का वितरण किया गया है
3. 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले मलाला यूसुफजई सबसे कम उम्र के हैं

आर्थिक विज्ञान का नोबेल पुरस्कार-

1. आर्थिक विज्ञान में पुरस्कार रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस, स्टॉकहोम, स्वीडन द्वारा सम्मानित किया जाता है.
2. 1969 के बाद से आर्थिक विज्ञान में 51 पुरस्कार का वितरण किया गया है

किन भारतियों को मिला है अब तक नोबेल पुरस्कार

भारत में अहिंसा की बदौलत आजादी दिलाने वाले महात्मा गांधी को 5 बार नामांकन मिला लेकिन उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार कभी नहीं मिला. जिन भारतीय लोगों को नोबेल पुरस्कार मिला उनके नाम हैं- रविंद्रनाथ टैगोर, हरगोविंद खुराना, सीवी रमण, वीएएस नायपॉल, वेंकट रामाकृष्णन, मदर टेरेसा, सुब्रमण्यम चंद्रशेखर, कैलाथ सत्यार्थी, आरके पचौरी और अमर्त्य सेन.

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