[PMJAY] जानिए क्या है आयुष्मान भारत योजना, कैसे मिलेगा आपको इसका लाभ
आयुष्मान भारत योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन का शुभारंभ किया!
केंद्र सरकार इस योजना के माध्यम से देश के 10 करोड़ परिवार या 50 करोड़ लोगों को सालाना ₹500000 का स्वास्थ्य बीमा लब्ध करा रही है!
आयुष्मान भारत योजना को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना नाभि कहा जाता है यह वास्तव में देश की गरीब लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है!
इस योजना को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर 25 सितंबर से देशभर में लागू किया गया है!
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आयुष्मान भारत योजना पर कैसे होगा अमल?
राज्य स्तर पर प्रधानमंत्री जन भारत योजना की ज़िम्मेदारी प्रदेश स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के पास है! राष्ट्रीय स्तर पर आयुष्मान योजना को राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन देख रही है!
कौन-कौन सी बीमारियां आयुष्मान भारत योजना मैं शामिल है?
1)आयुष्मान भारत के प्रति परिवार हर साल ₹500000 तक का स्वास्थ्य बीमा मिल रहा है!
2) किसी बीमारी की स्थिति में सती मेडिकल जांच ऑपरेशन इलाज इत्यादि प्रधानमंत्री जन आयोग योजना के तहत कवर होते हैं!
3)किसी बीमारी की स्थिति में अस्पताल में एडमिट होने से पहले और बाद में खर्च को कवर किया जाते हैं!
4) प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में ट्रांसपोर्ट पर होने वाले खर्च भी शामिल है!
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना पर खर्च होने वाली रकम कहां से आती है?
- आयुष्मान भारत योजना पर आने वाली लागत राज्य और केंद्र सरकार आपस में आपस बात लेती है! आयुष्मान भारत योजना में राज्य की हिस्सेदारी जरूरी है!
- इस योजना की अनुमति लागत 12 हजार करोड़ रुपए है!
- राज्य के स्वास्थ्य एजेंसी को केंद्र सरकार एक्रॉस अकाउंट में सीधे पैसे भेज रही है!
आयुष्मान भारत योजना में शामिल होने के लिए, ग्रामीण इलाकों में-
1. मोटे तौर पर ग्रामीण इलाके में कच्चा मकान होना चाहिए
2. परिवार में किसी व्यस्क (16-59 साल) का नहीं होना, परिवार की मुखिया महिला हो.
3. परिवार में कोई दिव्यांग हो.
4. अनुसूचित जाति और जनजाति से हों.
5. भूमिहीन व्यक्ति व दिहाड़ी मजदूर हों.
6. इसके अलावा, ग्रामीण इलाके के बेघर व्यक्ति.
7. निराश्रित, दान या भीख मांगने वाले.
8 . आदिवासी और कानूनी रूप से मुक्त बंधुआ.
शहरी इलाकों में
- भिखारी, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामकाज करने वाले.
- रेहड़ी-पटरी दुकानदार, मोची, फेरी वाले.
- सड़क पर कामकाज करने वाले अन्य व्यक्ति.
- कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले मजदूर.
- प्लंबर, राजमिस्त्री, मजदूर, पेंटर, वेल्डर,
- सिक्योरिटी गार्ड, कुली और भार ढोने वाले अन्य कामकाजी व्यक्ति.
- स्वीपर, सफाई कर्मी, घरेलू काम करने वाले.
- हैंडीक्राफ्ट का काम करने वाले लोग, टेलर, ड्राइवर, रिक्शा चालक, दुकान पर काम करने वाले लोग.
आयुष्मान भारत योजना के लिए जरुरी कागजात
- पहचान पत्र
- आधार कार्ड
- बैंक खाता होना चाहिए।
- आय प्रमाण पत्र बेहद जरुरी।
- बैंक खाता आधार कार्ड से भी लिंक होना अनिवार्य है।
आयुष्मान भारत योजना की प्रमुख विशेषताएं
हर साल मिलेगा 5 लाख रुपए का कवर होगा । आयुष्मान भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन में प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये का लाभ प्रदान होगा। इस कवर में सभी द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य सुविधाओं की प्रक्रियाएं शामिल हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई व्यक्ति (महिलाएं, बच्चे एवं वृद्धजन) छूट न जाए, इसलिए योजना में परिवार के आकार और आयु पर किसी तरह की सीमा नहीं होगी। लाभ कवर में अस्पताल में दाखिल होने से पहले और दाखिल होने के बाद के खर्च शामिल किए जाएंगे। बीमा पॉलिसी के पहले दिन से सभी शर्तों को कवर किया जाएगा। लाभार्थी को हर बार अस्पताल में दाखिल होने पर परिवहन भत्ते का भी भुगतान किया जाएगा।
देश के किसी भी सरकार अस्पताल से उठा सकते हैं लाभ इस योजना का लाभ पूरे देश में मिलेगा और योजना के अंतर्गत कवर किये गये लाभार्थी को पैनल में शामिल देश के किसी भी सरकारी/निजी अस्पताल से कैशलेस लाभ लेने की अनुमति होगी।
16 से 59 वर्ष की आयु के बीच के हर व्यक्ति को मिलेगा लाभ आयुष्मान भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन पात्रता आधारित योजना होगी और पात्रता SECC डाटा बेस में वंचन मानक के आधार पर तय की जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न श्रेणियों में ऐसे परिवार शामिल हैं जिनके पास कच्ची दीवार और कच्ची छत के साथ एक कमरा हो, ऐसे परिवार जिनमें 16 से 59 वर्ष की आयु के बीच का कोई व्ययस्क सदस्य नहीं है, ऐसे परिवार जिसकी मुखिया महिला है और जिसमें 16 से 59 आयु के बीच का कोई व्ययस्क सदस्य नहीं है, ऐसा परिवार जिसमें दिव्यांग सदस्य है और कोई शारीरिक रूप से सक्षम व्ययस्क सदस्य नहीं है, अजा/जजा परिवार, मानवीय आकस्मिक मजूदरी से आय काबड़ा हिस्सा कमाने वालेभूमिहीन परिवार हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे परिवार स्वत: शामिल किये गये हैं जिनके रहने के लिए छत नहीं है,निराश्रित, खैरात पर जीवन यापन करने वाले, मैला ढोने वाले परिवार, आदिम जनजाति समूह, कानूनी रूप से मुक्त किए गये बंधुआ मजदूर हैं।
सरकारी और प्राइवेट दोनों अस्पतालों में मिलेगा लाभ लाभार्थी पैनल में शामिल सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में लाभ ले सकेंगे। एबी-एनएचपीएम लागू करने वाले राज्यों के सभी सरकारी अस्पतालों को योजना के लिए पैनल में शामिल समझा जाएगा।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम से जुड़े अस्पतालों को भी बिस्तर दाखिला अनुपात मानक के आधार पर पैनल में शामिल किया जा सकता है। निजी अस्पताल परिभाषित मानक के आधार पर ऑनलाइन तरीके से पैनल में शामिल किए जाएंगे।
पैकेज के आधार पर होगा इलाज लागत को नियंत्रित करने के लिए पैकेज दर के आधार पर इलाज के लिए भुगतान किया जाएगा। पैकेज दर में इलाज से संबंधित सभी लागत शामिल होंगी। लाभार्थियों के लिए यह कैशलेस और पेपरलेस लेनदेन होगा। राज्य विशेष की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए राज्यों के पास इन दरों में सीमित रूप से संशोधन का लचीलापन होगा।
हर राज्य में लागू होगी योजना एबी-एनएचपीएम का एक प्रमुख सिद्धांत सहकारी संघवाद और राज्यों को लचीलापन देना है। इसमें सह-गठबंधन के माध्यम से राज्यों के साथ साझेदारी का प्रावधान है।
इसमें वर्तमान स्वास्थ्य बीमा/केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों तथा राज्य सरकारों (उनकी अपनी लागत पर) की विभिन्न सुरक्षा योजनाओं के साथ उचित एकीकरण सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों को एबी-एनएचपीएम के विस्तार की अनुमति होगी। योजना को लागू करने के तौर तरीकों को चुनने में राज्य स्वतंत्र होंगे। राज्य बीमा कंपनी के माध्यम से या प्रत्यक्ष रूप से ट्रस्ट/सोसायटी के माध्यम से या मिले जुले रूप में योजना लागू कर सकेंगे।
नीति आयोग करेगा अध्यक्षता नीति निर्देश देने एवं केन्द्र और राज्यों के बीच समन्वय में तेजी लाने के लिए शीर्ष स्तर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन परिषद (एबी-एनएचपीएम) गठित करने का प्रस्ताव है। इसमें एक आयुष्मान भारत राष्ट्रीय, स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन गवर्निंग बोर्ड (एबी-एनएचपीएमजीबी) बनाने का प्रस्ताव है, जिसकी अध्यक्षता संयुक्त रूप से सचिव (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण) तथा सदस्य (स्वास्थ्य), नीति आयोग द्वारा की जाएगी।
राज्य स्वास्थय एजेंसी लागू करेगी योजना योजना को लागू करने के लिए राज्यों को राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (एसएचए) की जरूरत होगी। योजना को लागू करने के लिए राज्यों के पास एसएचए रूप में वर्तमान ट्रस्ट/सोसायटी/अलाभकारी कंपनी/राज्य नोडल एजेंसी के उपयोग करने का विकल्प होगा या नया!
ट्रस्ट/सोसायटी/अलाभकारी कंपनी/राज्य स्वास्थ्य एजेंसी बनाने का विकल्प होगा। जिला स्तर पर भी योजना को लागू करने के लिए ढांचा तैयार करना होगा।
आयुष्मान भारत योजना के लाभ
लोग अस्पताल के माध्यम से उपचार करवाकर इस योजना का लाभ ले सकते हैं ।
इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार को सरकार 4 लाख तक की मदद प्रदान करेगी ।
इस योजना के तहत 10 करोड़ ग़रीब परिवारों की मदद की जाएगी ।
भारतीय राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना 1.50 लाख नये स्वास्थ्य कल्याण केंद्रों ओर सामुदायिक स्वास्थ्य क्लिनिक स्थापित करेगा ।
इस योजना के तहत सरकार 1200 करोड़ रुपये लगाएगी और ग़ैर संचारी रोगों के लिए उपचार उपलब्ध कराएगी ।
मेगा यूनिवर्सल हेल्थ प्रोटेक्षन स्कीम देश मैं पूरे 50 करोड़ लोगों को लाभ पहुँचाएगी ।
आयुष्मान भारत योजना की पात्रता
एसपीसीसी डाटा बेस पर आधारित गरीब और कमजोर तबके लोग शामिल किए जाएंगे। कोई छूटे नहीं, इसके लिए परिवार के आकार और आयु पर किसी तरह की सीमा नहीं होगी। कच्ची दीवार और कच्ची छत के साथ एक कमरा वाले, वे परिवार जिनमें 16 से 59 वर्ष की आयु के बीच का कोई वयस्क सदस्य नहीं हो, ऐसे परिवार जिसमें दिव्यांग सदस्य हों और कोई शारीरिक रूप से सक्षम वयस्क सदस्य नहीं हो, अजा/जजा परिवार, मानवीय आकस्मिक मजदूरी से आय का बड़ा हिस्सा कमाने वाले भूमिहीन परिवार, ग्रामीण क्षेत्रों में बिना छत के रहने वाले, निराश्रित, खैरात पर जीवन यापन करने वाले, मैला ढोने वाले परिवार, आदिम जनजाति समूह, कानूनी रूप से मुक्त किए गए बंधुआ मजदूर। भारत के उन गरीब लोगो को इस योजना का लाभ मिल सकता है। जो (बीपीएल) सूचि के अंतर्गत आते है। जिसमे 40 प्रतिशत (बीपीएल) धारक को इसका लाभ मिल सकता है। और भारत सरकार की तरफ से 10 लाख तक का कैशलेश स्वास्थ बिमा प्राप्त कराया जायेगा। 50 करोड़ (बीपीएल) धारक को इस योजना का लाभ मिल पायेगा।
क्या है आयुष्मान भारत योजना के लिए योग्यता?
इस योजना के तहत गरीब और ग्रामीण परिवारों को सामाजिक आर्थिक और जातीय जनगणना 2011 (सोशियो इकोनॉमिक कास्ट सेंसस, 2011) के हिसाब से लाभ मिलेगा।
ऐसे परिवार जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत पंजीकृत हैं उनकों भी इसमें शामिल किया गया है।
देश भर के सरकारी एवं निजी क्षेत्र के 15,000 से अधिक अस्पतालों में लाभार्थियों को 5 लाख तक के मुफ्त इलाज का लाभ मिलेगा।
इस योजना का उद्देश्य 10.74 करोड़ गरीब परिवार को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना है।
इसके तहत 50 करोड़ लाभार्थियों को लाभ मिलेगा। परिवार चाहे कितना भी बड़ा हो सभी को फायदा मिलेगा।
आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने के लिए उम्र की भी कोई सीमा नहीं है।
अस्पताल में कैसे मिलेगा लाभ
मरीज को अस्पताल में भर्ती होने के बाद अपने बीमा दस्तावेज देने होंगे। इसके आधार पर अस्पताल इलाज के खर्च के बारे में बीमा कंपनी को सूचित कर देगा और बीमित व्यक्ति के दस्तावेजों की पुष्टि होते ही इलाज बिना पैसे दिए हो सकेगा। इस योजना के तहत बीमित व्यक्ति सिर्फ सरकारी ही नहीं बल्कि निजी अस्पतालों में भी अपना इलाज करवा सकेगा। निजी अस्पतालों को जोड़ने का काम शुरू हो चुका है। इसका यह लाभ भी मिलेगा कि सरकारी अस्पतालों में अब भीड़ कम होगी। सरकार इस योजना के तहत देशभर में डेढ़ लाख से ज्यादा हेल्थ और वेलनेस सेंटर खोलेगी जोकि आवश्यक दवाएं और जांच सेवाएं निःशुल्क मुहैया जाएंगे।
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कैसे करे ?
जो लाभार्थी इस योजना के अंतर्गत रेजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना चाहते है वो हमारी पंजीकरण प्रकिया को ध्यान पूर्वक पड़े और इस योजना लाभ उठाये!
सर्वप्रथम प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत आवेदन करने के लिए जान सेवा केंद्र (CSC) में जाये और अपने सभी मूल दस्तावेज़ की छाया प्रति को जमा कर दे! वेबसाइट पर जाने के लिए यहां पर क्लिक करें
इसके पश्चात् जनसेवा केंद्र (CSC) के एजेंट द्वारा सभी दस्तावेज़ों का सत्यापन करके योजना के तहत पंजीकरण सुनिश्चित करेंगे तथा आपको पंजीकरण प्रदान करेंगे!
इसके पश्चात् 10 से 15 दिन के बाद आपको जन सेवा केंद्र के द्वारा आयुष्मान भारत का गोल्डन कार्ड प्रदान किया जायेगा |इस पारकर आपका पंजीकरण सफल हो जायेगा!
कैसे पता चलेगा आपका आपका रजिस्ट्रेशन हो गया?
वर्ष 2011 की जनगणना में गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को इसमें जगह मिलेगी। योजना में आपका नाम है या नहीं यह आप Mera.pm.jay.gov.in पर चेक कर सकते हैं
।
सबसे पहले आप इस वेबसाइट पर जाए।
यहां होम पेज पर एक बॉक्स मिलेगा। इसमें मोबाइल नंबर डाले। उस पर ओटीपी आएगा। इसे डालते ही पता चल जाएगा कि आपका नाम इसमें जुड़ा है या नहीं।
इसके अलावा लोग 14555 पर कॉल कर यह पता कर सकते हैं कि उनका नाम इस योजना में जुड़ा है या नहीं। लोग पास के अस्पतालों में जाकर भी यह पता कर सकते हैं कि उनको इस योजना का लाभ मिलेगा या नहीं।
किस राज्य में कितने सेंटर हैं?
इसके दो कंपोनेंट है
1)पहला 10.74 लाख परिवारों को मुफ्त ₹500000 का स्वास्थ्य बीमा देना!
2) दूसरा हेल्थ वैलनेस सेंटर इसमें देशभर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपडेट होंगे इन सेंटर पर इलाज के साथ मुफ्त दवाइयां भी मिलेगी!
आयुष्मान भारत योजना के सेंटर
छत्तीसगढ़ में 1000
गुजरात में 1185
मध्यप्रदेश में 700
महाराष्ट्र में 1450
हरियाणा में 255
राजस्थान में 505
झारखंड में 646
पंजाब में 800
बिहार में 643