पंडित जवाहरलाल नेहरू उसके जीवन की परिचय

06 Jun
जवाहरलाल नेहरू

जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री और स्वतंत्रता के पहले और बाद में भारतीय राजनीती के मुख्य केंद्र बिंदु थे। वे महात्मा गाँधी के सहायक के तौर पर भारतीय स्वतंत्रता अभियान के मुख्य नेता थे जो अंत तक भारत को स्वतंत्र बनाने के लिए लड़ते रहे और स्वतंत्रता के बाद भी 1964 में अपनी मृत्यु तक देश की सेवा की।
उन्हें आधुनिक भारत का रचयिता माना जाता था। पंडित संप्रदाय से होने के कारण उन्हें पंडित नेहरु भी कहा जाता था। जबकि बच्चो से उनके लगाव के कारण बच्चे उन्हें “चाचा नेहरु” के नाम से जानते थे।


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पंडित जवाहरलाल नेहरू कौन थे?

पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे! और स्वतंत्रता पूर्व और पश्चात कि भारतीय राजनीति में केंद्र व्यक्तित्व थे !पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 कॉमेडी भारत में इलाहाबाद में हुआ था!

पंडित जवाहरलाल नेहरू की परिवार की परिचय?

पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था वह एक धनी व्यक्ति जो कश्मीरी पंडित समुदाय से थे! स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष चुने गए उसकी माता स्वरूपरानी जो लाहौर बसी सूपरिचित ब्राह्मण परिवार की थी!
जवाहरलाल नेहरू 3 बच्चों में से सबसे बड़े थे दो लड़कियां थी बड़ी बहन विजयलक्ष्मी बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी सबसे छोटी बहन कृष्णा हटीसिंह एक उल्लेखनीय लेखिका बनी और उन्होंने अपनी परिवार जनों से संबंधित कई पुस्तकें लिखी सनी जवाहरलाल नेहरू की शादी पुलिसवाला इसी में कमला नेहरू से हुई थी!

 

प्रारंभिक जीवन

जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को हुआ था। उनके पिता मोतीलाल नेहरू इलाहाबाद के एक विख्यात वकील थे। जवाहरलाल नेहरू की माता का नाम स्वरुप रानी था। जवाहरलाल नेहरू मोतीलाल नेहरू की इकलौते पुत्र थे। जवाहरलाल नेहरू के अलावा मोतीलाल नेहरू की तीन पुत्रियां भी थीं। नेहरू कश्मीरी वंश के सारस्वत ब्राह्मण थे।

जवाहर लाल नेहरू ने दुनिया के कुछ सबसे अच्छे स्कूलों और विश्वविद्यालयों से शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने अपनी पढाई हैरो से की और कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से लॉ की डिग्री पूरी की। इंग्लैंड में उन्होंने सात साल व्यतीत किए जिससे वहां के फैबियन समाजवाद और आयरिश राष्ट्रवाद के लिए एक तर्कसंगत दृष्टिकोण विकसित हुआ।

पंडित जवाहरलाल नेहरू की पढ़ाई?

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दुनिया के कुछ बेसिक स्कूलों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की थी! उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा hario से और कॉलेज की शिक्षा यूनिटी कॉलेज कैंब्रिज लंदन से पूरी की थी! इसके बाद उन्होंने अपनी लॉ की डिग्री कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी थी!

 

जवाहरलाल नेहरू

 

पंडित जवाहरलाल नेहरू की राजनीति जिंदगी?

पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में भारत लौट आया और होम रूल लीग में शामिल हो गए उनकी असली दीक्षा 2 साल बाद 1919 में जब वह महात्मा गांधी के संपर्क में आए! नेहरू ने महात्मा गांधी के उपदेशों के अनुसार अपने परिवार को बिठा लिया !
जवाहरलाल नेहरू और मोती लाल नेहरू ने पश्चिमी कपड़ों और मांगी संपत्ति का किया कर दिया वे अब एक खादी कुर्ता और गांधी टोपी पहनने लगे!जवाहरलाल नेहरू ने 1920, 1922 मैं असहयोग आंदोलन निष्क्रिय हिस्सा लिया इस दौरान पहली बार गिरफ्तार किए गए कुछ महीनों के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया‌‌!

जवाहरलाल नेहरू 1924 ईस्वी में इलाहाबाद नगर निगम के अध्यक्ष चुने गए और उन्होंने शहर के मुख्य कार्यकारी अधिकार के रूप में 2 वर्ष तक सेवा की 1926 ईस्वी में उन्होंने ब्रिटिश अधिकारियों से सहयोग की कमी का हवाला देखकर इस्तीफा दे दिया !
1924 से 1928 तक जवाहरलाल नेहरू ने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव के रूप में सेवा की 1928-1929 मैं कांग्रेस के वार्षिक सत्र का आयोजन मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में किया गया उस स्तर जवाहरलाल नेहरू सुभाष चंद्र बोस ने पूरी राजनीति स्वतंत्रता की मांग का समर्थक किया जबकि मोतीलाल नेहरू और अन्य नेताओं ने ब्रिटिश साम्राज्य के भीतर ही प्रभुत्व संपूर्ण राज्य का दर्जा पाने की मांग का समर्थन किया मुद्दे को हल करने के लिए गांधीजी ने बीच का रास्ता निकाला और कहा कि ब्रिटिश को भारत के राज्य का दर्जा देने के लिए 2 साल का समय दिया जाएगा और यदि ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस पूर्ण राजनीति स्वतंत्रता के लिए एक राष्ट्रीय संघर्ष शुरू करेगा नेहरू और बॉस ने मांग की कि, इस समय को कम करके 1 साल कर दिया जाए ब्रिटिश सरकार ने इसका कोई जवाब नहीं दिया ब्रिटिश सरकार ने भारत अधिनियम 1935 प्रख्यापीत किया तब कांग्रेस पार्टी ने चुनाव लड़ने का फैसला किया नेहरू चुनाव के बाहर रहे लेकिन जोड़ों के साथ पार्टी के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया!
कांग्रेस ने लगभग हर प्रांत में सरकारों का गठन किया और केंद्रीय एसेंबली में सबसे ज्यादा सीट पर जीत हासिल की नेहरू कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए 1936 और 1937 ईस्वी में चुने गए थे उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान गिरफ्तार भी किए गए और उनसे 45 में छोड़ दिया गया 1947 में भारत और पाकिस्तान की आज़ादी के समय उन्होंने अंग्रेजी सरकार के साथ हुई वार्ताओं में मध्यम भागीदारी की सन 1947 में भारत की आज़ादी मिलने पर जब भावी प्रधानमंत्री के लिए कांग्रेस मतदान हुआ, तो सरदार पटेल को सर्वाधिक मत मिला उसके बाद सर्वाधिक मत आचार्य कृपलानी को मिले थे, पर गांधी जी के कहने पर दोनों ने अपना नाम वापस लिया और नेहरू जी को प्रधानमंत्री बनाया गया बहुत से लोग का विचार है! कि नेहरू ने अन्य नेताओं की तुलना में भारत के स्वतंत्र संग्राम मैं बहुत कम योगदान दिया था!
फिर भी गाँधीजी ने उन्हें भारत का प्रथम प्रधानमंत्री बना दिया! 2014 में यह भी खुलासा हुआ कि स्वतंत्रता के बाद नेहरू ने 20 वर्ष तक आईबी द्वारा संबंधियों की जासूसी क्राई!
लेकिन पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के संबंधों में सुधार नहीं कर पाए पाकिस्तान के साथ एक समझौता तक पहुंचने में कश्मीर मुद्दा और चीन के साथ मित्रता में सीमा विवाद रास्ते में पत्थर साबित हुए!

 

जवाहरलाल नेहरु कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में

वर्ष 1928-29 में मोतीलाल नेहरु की अध्यक्षता में कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन आयोजित किया गया ! इस सत्र में कांग्रेस के अन्दर दो गुट बन गए ! पहला जवाहरलाल नेहरु और सुभाषचंद्र बोस का तथा दूसरा गुट मोतीलाल और अन्य नेताओं का !पहले गुट ने पूर्ण स्वतंत्रता की मांग रखी तथा दूसरे गुट नें अंग्रेजी सरकार के अधीन ही प्रभुत्व संपन्न राज्य की मांग रखी थी | इन दोनों गुटों के बीच विरोधाभास होने पर गाँधी जी नें बीच का रास्ता निकाला और कहा कि, अंग्रेजी सरकार भारत को राज्य का दर्जा दे, अन्यथा कांग्रेस एक राष्ट्रीय लड़ाई लड़ेगी !

अंग्रेजी सरकार नें इसका कोई जवाब नहीं दिया | वर्ष 1929 में लाहौर अधिवेशन में जवाहर लाल नेहरू कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए | सभी नें एक मत से पूर्ण स्वराज्य की मांग का प्रस्ताव पास किया ! 26 जनवरी 1930 को जवाहर लाल नेहरू जी नें लाहौर में स्वतंत्र भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया !

वर्ष 1930 में गाँधी जी सविनय अविज्ञा आंदोलन को गति प्रदान की ! जिससे ब्रिटिश गवर्नमेंट को भारत के विषय में महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए विवश होना पड़ा !

ब्रिटिश गवर्नमेंट नें वर्ष 1935 में भारत सरकार अधिनियम 1935 पारित किया | इस नियम से अंतर्गत कांग्रेस नें चुनाव लड़ने का निर्णय लिया | नेहरू जी चुनाव में भाग न लेकर ही पार्टी को बाहर से समर्थन कर रहे थे | पार्टी ने भारत के प्रत्येक राज्य में अपनी सरकार बनायीं | सबसे अधिक सीटें कांग्रेस को ही प्राप्त हुई !

वर्ष 1936-37 में जवाहर लाल नेहरू दोबारा कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए ! वर्ष 1942 में गाँधी जी नें भारत छोड़ो आंदोलन को शुरू किया गया !इस आंदोलन में नेहरू जी को गिरफ्तार कर लिया गया ! वर्ष 1945 में उन्हें जेल से छोड़ा गया ! वर्ष 1947 भारत और पाकिस्तान के बटवारें में सरकार से बात चीत करके महत्वपूर्ण भूमिका निभाई !

वर्ष 1947 में भारत की स्वतंत्रता के समय कांग्रेस में प्रधानमंत्री के पद के लिए चुनाव आयोजित किये गए ! सरदार बल्ल्भ भाई पटेल और आचार्य कृपलानी को सर्वाधिक मत प्राप्त हुए, परन्तु गाँधी जी के कहने पर जवाहर लाल नेहरू जी को भारत का प्रथम प्रधानमंत्री चुना गया ! नेहरू जी लगातार तीन बार प्रधान मंत्री के पद पर रहे! पद पर रहते हुए ही इनकी मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हो गयी !

 

पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के विचार – Jawaharlal Nehru slogans in Hindi

  1. नागरिकता देश की सेवा में निहित है।
  2. संस्कृति मन और आत्मा का विस्तार है।
  3. असफलता तभी आती है जब हम अपने आदर्श, उद्देश्य, और सिद्धांत भूल जाते हैं।
  4. दूसरों के अनुभवों से लाभ उठाने वाला बुद्धिमान होता है।
  5. लोकतंत्र और समाजवाद लक्ष्य पाने के साधन है, स्वयम में लक्ष्य नहीं।
  6. लोगों की कला उनके दिमाग का सही दर्पण है।

पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु कैसे हुई?

पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के कारण चीन की तरफ से मित्रता का हाथ भी बढ़ाया लेकिन 1962 में चीन ने धोखा से आक्रमण कर दिया!
नेहरू के लिए एक बड़ा झटका था और शायद उनकी मौत भी इसी कारण हुई! 27 मई 1964 को जवाहरलाल नेहरू को दिल का दौरा पड़ा जिसमें उसकी मौत हो गई!

 

क्यों हम  बाल दिवस मनाते हैं?Why We Celebrate Bal Diwas in Hindi

पूरे भारत वर्ष में बाल दिवस बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह कोई पौराणिक कथा के अनुसार नहीं मनाया जाता है, लेकिन इसके पीछे एक ऐसा मुख्य उद्देश्य है, जिसकी वजह से लाखों बच्चों का जीवन बदल जाता है।

बाल दिवस के दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू जी का जन्म दिवस होता है। नेहरू जी का बच्चों से बहुत ही गहरा लगाव था उन्हें बच्चों से प्यार होने से आज पूरे देश में बाल दिवस का दिन बहुत ही खुशी के साथ मनाया जाता है।

प्रधानमंत्री जी ने बहुत से नियम और योजनाएँ लागू की थी। इसी वजह से प्रत्येक वर्ष यह त्यौहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है.

पंडित जवाहर लाल नेहरू जी (Pandit Jawaharlal Nehru) के जन्मदिन को बाल दिवस (Children’s Day) के रूप में मनाया जाता है.

जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) का जन्म 14 नवंबर (November 14) को हुआ था. नेहरू जी का बच्चों से गहरा लगाव था जिसकी
वजह से बच्चे आज भी उन्हे चाचा नेहरू कहकर बुलाते हैं.

जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखित पुस्तकें –  Books written by Jawaharlal Nehru

  • भारत और विश्व
  • सोवियत रूस
  • विश्व इतिहास की एक झलक
  • भारत की एकता और स्वतंत्रता
  • दुनिया के इतिहास का ओझरता दर्शन (1939) (Glimpses Of World History)

 

एक नजर में जवाहरलाल नेहरु की लघु जीवनी – Jawaharlal Nehru Short Biography

  • 1912 में इग्लंड से भारत आने के बाद जवाहरलाल नेहरु इन्होंने अपने पिताजीने ज्यूनिअर बनकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकील का व्यवसाय शुरु किया।
  • 1916 में राजनीती का कार्य करने के उद्देश से पंडित नेहरू ने गांधीजी से मुलाकात की। देश की राजनीती में भारतीय स्वतंत्र आंदोलन में हिस्सा लिया जाये, ऐसा वो चाहते थे।
  • 1916 में उन्होंने डॉ.एनी बेझंट इनके होमरूल लीग में प्रवेश किया। 1918 में वो इस संघटने के सेक्रेटरी बने। उसके साथ भारतीय राष्ट्रीय कॉग्रेस के कार्य में भी उन्होंने भाग लिया।
  • 1920 में महात्मा गांधी ने शुरु किये हुये असहयोग आंदोलन में नेहरूजी शामील हुये। इस कारण उन्हें छह साल की सजा हुयी।
  • 1922 – 23 में जवाहरलाल नेहरूजी इलाहाबाद नगरपालिका के अध्यक्ष चुने गये।
  • 1927 में नेहारुजीने सोव्हिएल युनियन से मुलाकात की। समाजवाद के प्रयोग से वो प्रभावित हुये और उन्ही विचारोकी ओर खीचे चले गए।
  • 1929 में लाहोर में राष्ट्रिय कॉग्रेस के ऐतिहासिक अधिवेशन के अध्यक्ष चुने गये इसी अधिवेशन में कॉग्रेस ने पुरे स्वातंत्र्य की मांग की इसी अधिवेशन भारतको स्वतंत्र बनाने का निर्णय लिया गया इसके बाद ‘संपूर्ण स्वातंत्र्य’ का संकल्प पास किया गया।
  • यह फैसला पुरे भारत मे पहुचाने के लिए 26 जनवरी 1930 यह दिन राष्ट्रीय सभा में स्थिर किया गया। हर ग्राम में बड़ी सभाओ का आयोजन किया गया। जनता ने स्वातंत्र्य के लिये लढ़ने की शपथ ली इसी कारन 26 जनवरी यह दिन विशेष माना जाता है।
  • 1930 में महात्मा गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरु किया जिसमे नेहरुजीका शामील होना विशेष दर्जा रखता था।
  • 1937 में कॉग्रेस ने प्रातीय कानून बोर्ड चुनाव लढ़नेका फैसला लिया और बहुत बढ़िया यश संपादन किया जिसका प्रचारक भार नेहरुजी पर था।
  • 1942 के ‘चले जाव आंदोलन’ -Quit India Movement को भारतीय स्वातंत्र्य आंदोलन में विशेष दर्जा है। कॉंग्रेस ने ये आंदोलन शुरु करना चाहिये इस लिये गांधीजी के मन का तैयार करने के लिए पंडित नेहरु आगे आये। उसके बाद तुरंत सरकारने उन्हें गिरफ्तार करके अहमदनगर के जैल कैद किया। वही उन्होंने ‘ऑफ इंडिया’ ये ग्रंथ लिखा।
  • 1946 में स्थापन हुये अंतरिम सरकार ने पंतप्रधान के रूप नेहरु को चुना। भारत स्वतंत्र होने के बाद वों स्वतंत्र भारत के पहले पंतप्रधान बने। जीवन के आखीर तक वो इस पद पर रहे। 1950 में पंडित नेहरु ने नियोजन आयोग की स्थापना की।

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