मेक इन इंडिया योजना क्या है? क्या आप इसका समर्थन देंगे?

18 May
मेक इन इंडिया योजना

मेक इन इंडिया योजना योजना :-

भारतीय अर्थव्यवस्था देश में मजबूत विकास और व्यापार के समग्र दृष्टिकोण में सुधार और निवेश के संकेत के साथ आशावादी रुप से बढ़ रही है ।
सरकार के नये प्रयासों एवं पहलों की मदद से निर्माण क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है।
निर्माण को बढ़ावा देने एवं संवर्धन के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की शुरुआत की जिससे भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रुप में बदला जा सके।
मेक इन इंडिया का मकसद देश को मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाना है। घरेलू और विदेशी दोनों निवेशकों को मूल रूप से एक अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने का वायदा किया गया है! ताकि 125 करोड़ की आबादी वाले मजबूत भारत को एक विनिर्माण केंद्र के रूप में परिवर्तित करके रोजगार के अवसर पैदा हों।
इससे एक गंभीर व्‍यापार में व्‍यापक प्रभाव पड़ेगा और इसमें किसी नवाचार के लिए आवश्‍यक दो निहित तत्‍वों– नये मार्ग या अवसरों का दोहन और सही संतुलन रखने के लिए चुनौतियों का सामना करना शामिल हैं। राजनीतिक नेतृत्‍व के व्‍यापक रूप से लोकप्रिय होने की उम्‍मीद है।
लेकिन ‘मेक इन इंडिया’ पहल वास्‍तव में आर्थिक विवेक, प्रशासनिक सुधार के न्‍यायसंगत मिश्रण के रूप में देखी जाती है। इस प्रकार यह पहल जनता जनादेश के आह्वान- ‘एक आकांक्षी भारत’ का समर्थन करती है!


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मेक इन इंडिया योजना का उद्देश्य:

» इस मेक इन इंडिया का मुख्य उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा सामान का निर्माण भारत में ही हो। जिससे लोगों को कम कीमत में ही सामान मिल सके इसके साथ ही विदेशी निवेश को भी बढ़ावा देना है।

» मेक इन इंडिया के तहत नई कंपनियां खुलेंगी जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे साथ ही गरीबी कम होगी और देश आर्थिक रूप से मजबूत होगा।

» मोदी सरकार का मुख्य लक्ष्य मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत साल 2022 तक सभी सामान का निर्माण भारत में शुरु करना है। इसके अलावा 100 मिलियन अतिरिक्त रोजगार भी सृजित करना है।

» मेक इन इंडिया के तहत ज्यादा से ज्यादा वस्तुओं का निर्यात अन्य देशों में करना है ताकि भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

» मोदी सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत विनिर्माण क्षेत्र में करीब 12 से 14 प्रतिशत बढ़ोतरी करना है।

» मेक इन इंडिया के तहत GDP में साल 2022 तक विनिर्माण की हिस्सेदारी 16 से 25 प्रतिशत करना है।
इस मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत विदेशी कंपनियों का ध्यान अपनी तरफ खींचना है ताकि विदेशी निवेश को बढ़ावा मिल सके।

» मोदी सरकार का मुख्य लक्ष्य मेक इन इंडिया के तहत महंगाई को कम करना भी है, जी हां अगर ज्यादातर वस्तुओं का निर्माण भारत में होगा तो जाहिर है कि लोगों को सस्ते दामों पर वस्तुएं उपल्ध होंगी।

» मेक इन इंडिया के तहत विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए भी प्रेरित करना है जिससे नए रोजगारों का सृजन होगा।

» मेक इन इंडिया के तहत युवाओं को पूरी स्वतंत्रता दी गई है जिससे युवा अपनी नई सोच के साथ व्यापार कर सकते हैं इससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।

» सरकार का मुख्य उद्देश्य मेक इन इंडिया का घरेलू मूल्य संवर्द्धन और विनिर्माण में तकनीकी ज्ञान को भी बढ़ावा देना है।

» मेक इन इंडिया का उद्देश्य पर्यावरण में विकास की स्थिरता सुनिश्चित करना भी है।

मेक इन इंडिया अभियान के फायदे

1) मेक इन इंडिया अभियान की मदद से कई बेरोज़गार नौजवानों को रोज़गार मिल रहा है और इसी कारण से देश का विकास भी हो रहा है।

2) इस अभियान की मदद से हम अपने देश भारत को अन्य विकसित देशो की सूची में जल्द ही पाएंगे। क्योंकि अगर बाहरी देशों की कंपनियां हमारे देश में शाखाएं बनायेंगे तो उन्हें भी फायदा होगा और देश के लोगों को भी कम दाम में उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे और साथ ही लोगों को नौकरी भी मिलेगी।

3) इससे देश की अर्थव्यवस्था मैं सुधार और विकास होगा।

4) मेक इन इंडिया अभियान शुरू होने के बाद से भारत में जोर शोर से कई निवेशकों ने विनिर्माण, वस्त्र, ऑटोमोबाइल, उत्पादन, खुदरा, रसायन, आईटी, बंदरगाह, फार्मास्यूटिकल्स, पर्यटन, कल्याण, रेलवे, के क्षेत्र में निवेश किया है जो कि भारत के लिए बहुत ही अच्छी बात है।

5) मेक इन इंडिया अभियान के शुभ आरंभ के दिन सभी बड़ी-बड़ी अंतरराष्ट्रीय तथा भारतीय कंपनियों को इस अभियान का साथ देने के लिए आमंत्रित किया गया था।

मेक इन इंडिया योजना के तहत 25 मुख्य क्षेत्रों पर फोकस –

सरकार ने मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत 25 मुख्य क्षेत्रों का चयन किया है जिसमें ज्यादा से ज्यादा विकास किया जाएगा। साथ ही इन क्षेत्रों में विदेशी निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा और भारत सरकार की तरफ से भी निवेश को बढ़ाया जाएगा।

आपको बता दें कि इसके तहत भारत में ज्यादा से ज्यादा नई कंपनियों का विकास किया जाएगा जिससे देश को आर्थिक रूप से तो मजबूती मिलेगी ही साथ ही में विदेशी कंपनी भी अपना योगदान देगी जिससे देश के विकास को गति मिलेगी। मेक इन इंडिया के तहत जिन 25 क्षेत्रों का चयन किया गया है वो निम्नलिखित हैं –

1) ऑटोमोबाइल
2) फूड प्रोसेसिंग
3) मीडिया और मनोरंजन
4) ऑटोमोबाइल कंपोनेंट
5) आईटी और बीपीएम
6) सड़क और राजमार्ग
7) इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली
8) एविएशन
9) तेल और गैस
10) चमड़ा
11) अंतरिक्ष
12) पर्यटन और हॉस्पिटेलिटी
13) रेलवे
14) जैव प्रौद्योगिकी
15) कपड़ा और वस्त्र
16) केमिकल
17) खनन
18) इलेक्ट्रिकल मशीनरी
19) थर्मल पावर
20) निर्माण
21) रक्षा विनिर्माण
22) फार्मास्यूटिकल्स
23) कल्याण
24) बंदरगाह

मेक इन इंडिया योजना कैम्पेन

मेक इन इंडिया कैम्पेन को जन जन तक पहुँचाने के लिए, 13 फ़रवरी 2016 को मुंबई में ‘मेड इन इंडिया वीक इवेंट’ मनाया गया था. यहाँ 2500 अन्तराष्ट्रीय व् 8000 राष्ट्रीय कंपनियों ने हिस्सा लिया था, इसके साथ ही 72 देशों के बिजनेस टीम, व् देश के 17 प्रदेशों से भी लोग आये थे.

कैम्पेन की तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार से मेक इन महाराष्ट्र कैम्पेन शुरू किया. इसका उद्देश्य मेक इन इंडिया को और आगे बढ़ाना है. इससे महाराष्ट्र में व्यापार के लिए लोग आकर्षित होंगें अर्थव्यवस्था सुधरेगी.

‘मेक इन इंडिया’ वेबसाइट- ‘Make in India’ website –

मेक इन इंडिया को सफल बनाने के उद्देश्य से मोदी सरकार ने एक वेबसाइट की भी शुरुआत की है। जिसमें मेक इन इंडिया अभियान की पूरी डिटेल दी गई है इसके साथ ही मेक इन इंडिया वेबसाइट 25 क्षेत्रों को उनके आंकड़ों, विकास के कारकों, हर एक क्षेत्र में निवेश करने के लिए अनुकूल नीतियां, सरकारी सहायता और निवेशकों के लिए भी नए अवसरों को भी दर्शाती है। इसके साथ ही ये लोगों को इस अभियान से जुडे़ सभी सवालों के जवाब देने में भी उनकी सहायता करती है।

भारत में कंपनियां निर्माण क्यों नहीं करना चाहती ?

मोदी सरकार का मेक इन इंडिया का आइडिया से जहां कंपनियां भारत मे निर्माण करने के लिए प्रेरित होंगी लेकिन उनके लिए ये किसी चुनौती से कम नहीं होगा क्योंकि निर्माण करने की सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने से वस्तुओं के निर्माण में काफी परेशानी होती है।

इसके अलावा भारत का बेहद खराब बुनियादी ढ़ांचा और खराब संचालन व्यस्था भारत का विनिर्माण केन्द्र बनने में सबसे ज्यादा रुकावट पैदा करती है। लेकिन मेक इन इंडिया के तहत मोदी सरकार ने इन सारी रुकावटों को दूर करने का वादा किया है जिससे यहां नई कंपनियां स्थापित हो सकें।

निष्कर्ष- मेक इन इंडिया मोदी सरकार की तरफ से शुरु की गई मुख्य योजनाओं में से एक है जिसके चलते न सिर्फ भारत में रोजगार के नए अवसर प्राप्त हुए हैं बल्कि भारत की आर्थिकी को भी एक नई दिशा मिली है।

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