क्या है उड़ान योजना,जाने एक आम आदमी के लिए कैसे हो सकती है यह सहायक
भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहाँ पर सरकार का मुख्य उद्येश्य लोगों के कल्याण को अधिकतम करना होता है!
वर्तमान सरकार ने इसी दिशा में कदम उठाते हुए देश के छोटे व मझोले कस्बों में रहने वाले लोगों को बड़े नगरों से जोड़ने के लिए “उड़ान उड़ान योजना” नामक योजना का शुभारम्भ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शिमला में 27 अप्रैल 2017 को किया गया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री कडप्पा-हैदराबाद तथा नांदेड़-हैदराबाद के बीच होने वाली इसी स्कीम की दो अन्य उड़ानों का भी शुभारंभ करेंगे।
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उड़ान योजना का उद्देश्य
1) इस स्कीम के अंतर्गत सरकार के कई मुख्य उदेश्य शामिल हैं, स्कीम की ख़ास बातें नीचे दी जा रही हैं,
2) इस योजना के तहत देश के 43 शहरों को फ्लाइट्स से जोड़े जाने की खबर है. साथ ही इससे ऐसे लगभग 12 एअरपोर्ट जोड़े जायेंगे, जो अनियमित रूप से चल रहे हैं. इसके साथ 31 ऐसी जगहें सक्रीय हो पाएंगी, जहाँ एअरपोर्ट तो है किन्तु उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है.
3) इस योजना के तहत एयर इंडिया सबसीडरी अलायन्स पहली एयर लाइन बनी, जिसने इस योजना के तहत दिल्ली और शिमला के बीच हवाई जहाज चलाई. अलायन्स एयर की तरफ से इस योजना के तहत 48 सीटों वाली एटीआर -42 रेगुलर बेसिस पर उड़ान भरेगी. ये सभी फ्लाइट्स इकनोमिक क्लास की होंगीं.
4) छोटी रन वे लम्बाई, ऊंचाई और तामपान सीमओं की वजह से फ्लाइट की 48 सीट्स ही बुक नहीं करायी जाएँगी. अर्थात हवाई जगह में पूरी तरह से 48 सीटों पर लोग सफ़र नहीं कर पाएंगे. दिल्ली शिमला रूट में फ्लाइट अपनी पहली उड़ान के समय 35 और वापसी के समय 15 पैसेंजेर को लेकर उड़ान भरेगी. इस दौरान खाली रहने वाली सीटों पर प्रति सीट 3000 रूपए का वीजीएफ़ जारी करेगी. वीजीएफ़ का वहन सरकार ही करेगी. शिमला के पर्यटन स्थल की सूची यहाँ पढ़ें.
5) उड़ान स्कीम की घोषणा साल 2016 में भारत सरकार के एविएशन मंत्रालय द्वारा की गयी थी, जिस पर इस साल अमल शुरू किया गया है.
6) इस योजना के तहत सरकार देश को रीजनल कनेक्टिविटी देना चाह रही है. योजना के अनुसार इसके फ्लाइट्स अधिकतम 800 किमी की दूरी तय करेंगे.
उड़ान योजना का लक्ष्य
- उड़ान योजना अपना लक्ष्य पूर्ण करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार और एयरपोर्ट ऑपरेटर्स, एयरलाइन्स के लिए कन्सेशन के रूप में फाइनेंसियल प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा !
- इस योजना की सुविधा प्रदान करने के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) के मैकेनिज्म द्वारा, कुछ एयरपोर्ट्स से किक –ऑफ ऑपरेशन्स करने के लिए इंट्रेस्टेड एयरलाइन्स का लाभ प्रदान किया जाएगा!
- इस योजना के अंर्तगत VGF आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा, जिसके लिए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी फण्ड (RCF) तैयार किया जाएगा और इसके साथ ही कुछ घरेलू उड़ानों के लिए RCF लेवी प्रति डिपार्चर लागू किया जायेगा!
उड़ान योजना की विशेषता –
उड़ान योजना की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
- यह योजना सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए एक जीत की स्थिति प्रदान करेगी.
- नागरिकों को अधिक जॉब्स के अवसर मिल जायेगें एवं यह अफोर्डेबिलिटी, कनेक्टिविटी और अधिक रोजगार के लिए भी लाभकारी होगी.
- भाजपा सरकार, बाजार और क्षेत्रीय हवाई सम्पर्क का विस्तार करने के लिए सक्षम होगी.
- राज्य सरकारों को दूरदराज के क्षेत्रों के विकास का लाभ प्राप्त होगा.
- इससे व्यापार, वाणिज्य और अधिक पर्यटन विस्तार में वृद्धी होगी.
- इन्कम्बेंट एयरलाइन्स के लिए नये मार्गों का वादा किया गया है और अधिक यात्रियों के लिए एयरलाइन्स शुरू हुआ है, एवं यहाँ नये स्केलेबल व्यापार के अवसर भी हैं.
- एयरपोर्ट ऑपरेटर्स, मूल उपकरण निर्माताओं के रूप में अपने व्यवसाय का विस्तार भी देखेंगे.
क्या हैं? उड़ान योजना की मु्ख्य बातें जानें यहां –
- UDAN का मतलब है, ‘उड़े देश का आम नागरिक’। देश के आम नागरिकों को सस्ती हवाई यात्रा मुहैया करवाना योजना का मु्ख्य लक्ष्य है।
- उड़ान योजना का उद्देश्य देश के अनुमोदित और गैरअनुमोदित हवाई अड्डों को हवाई संपर्क प्रदान करना है।
- उड़ान योजना 10 वर्षों के लिए संचालन में रहेगी।
- सरकार के मुताबिक उड़ान दुनिया में अपनी तरह की पहली योजना है जो “बाजार-आधारित तंत्र के माध्यम से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी” को बढ़ावा देगी।
- उड़ान योजना का उद्देश्य देश के 70 हवाई अड्डो को जोड़ने का है।
- उड़ान योजना के अंतर्गत, एक निश्चित विंग विमान पर लगभग 500 किलोमीटर की एक घंटे की यात्रा के लिए या हेलीकॉप्टर पर 30 मिनट की यात्रा के लिए विमान किराया 2500 रुपये तक निश्चित कर दिया गया है।
- इस सस्ती उड़ान सेवा के शुरू होने से लोग अधिक समय लेने वाली ट्रेन पकड़ने के बजाय, उड़ान भरने का प्रयास करेंगे।
- एलायंस एयरलाइंस ने दिल्ली-शिमला सेक्टर पर अपने 42 सीटर एटीआर विमान तैनात किए हैं।
- मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,- एलायंस एयरलाइंस दिल्ली-शिमला यात्रा पर 35 सीटों की पेशकश करेगी और वापसी यात्रा पर यह संख्या केवल 15 होगी। दिल्ली-शिमला की तरफ 24 सीटों में प्रत्येक सीट की कीमत 2036 रुपये है।
- इस योजना के तहत व्यवहार्यता अंतर की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार “क्षेत्रीय कनेक्टिविटी फंड” तैयार करेगी।
- रिलायंस के मुताबिक, इच्छुक एयरलाइंस और हेलीकाप्टर ऑपरेटरों का अब तक “असंबद्ध” मार्गों पर भी संचालन शुरू हो सकता है।
- उड़ान योजना की कार्यान्वयन एजेंसी भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण है।
सरकार के अनुसार, इस योजना को ऑपरेटरों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी। जनवरी तक, 11 बोलीदाताओं ने 200 उड़ान मार्गों के लिए 45 प्रारंभिक प्रस्ताव प्रस्तुत किए थे। इन प्रस्तावों में 65 हवाई अड्डे शामिल हैं।