क्या है स्मार्ट गंगा सिटी स्कीम

06 Jul
स्मार्ट गंगा सिटी स्कीम

स्मार्ट गंगा सिटी स्कीम

स्मार्ट गंगा सिटी स्कीम के बारे में पेड़ों के जूता खेलो को हुआ इसके उद्देश्य ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए गंगा साफ करना है जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती और केंद्र शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने नमामि गंगा के तहत दें देश के 10 प्रमुख शहरों में स्मार्ट गंगा सिटी परिजनों की शुरुआत की है!

पहले चरण में जिन शहरों का चयन नंदा स्मार्ट सिटी के लिए किया गया है उनके नाम हैं हरिद्वार ऋषिकेश मथुरा वृंदावन कानपुर इलाहाबाद लखनऊ पटना झारखंड का साहिबगंज और पश्चिम बंगाल का बैरकपुर इन शहरों का चयन हाइब्रिड एन्यूटी आधारित सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी( पीपीपी) मॉडल का कार्य के लिए प्रथम चरण में इन शहरों का चयन किया गया है!


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नमामि गंगा अभियान को दी हवा

जन संसाधन एवं गंगा पुनरूध्दार मंत्री उमा भारती और शहरी विकास मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कल वाराणसी के अधिकारियों के गंगा में गिर रहे सीवेज जानकारी ली! कहा, इसे रोकने के लिए युद्ध स्तर पर काम शुरू किया जाए! सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए!

इसके तहत केंद्र सरकार ने रमुना की प्रस्तावित एसटीपी को मंजूरी दी गई! बताया गया कि इस एसटीपी के निर्माण पर आने वाले खर्च का 40% हिस्सा केंद्र सरकार देगी और शेस 60% हिस्सा निर्माण करने वाले संस्थाओं वाहन करेगी! एसटीपी चालू होने के बाद तय मानक के तहत 60% धनराशि केंद्र सरकार संबंधित फॉर्म को किश्तों में अदा करेगी! यह जानकारी कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने पत्रिका को दिए!

स्मार्ट गंगा सिटी स्किन का महत्वपूर्ण बिंदु

स्वच्छ गंगा के लिए लास्ट मिशन को मल उपचार के लिए बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पहले चरण में 10 सालों को चुनाव किया गया!

इस स्कीम को चक्र वार्षिकी पीपीपी मॉडल के आधार पर लागू किया जाएगा!

पहले चरण में केवल 10 शहरों का चुनाव किया गया है लेकिन धीरे-धीरे अधिक से अधिक शहरों को इसमें शामिल किया जाएगा!

एसटीपी ( STEP- SEWAGE TREATMENT PLANTS) क्या है?

एसटीपी /STP मल जल उपचार मुख्य रूप से घरेलू सीवेज में जो गंदे पानी होते हैं और उससे जो दूषित पदार्थ उपजते हैं उन पदार्थों को हटाने की एक प्रक्रिया हैं!

पिछले योजनाओं में केंद्र और राज्य द्वारा एसटीपी स्थापित करने के लिए लागत वाहन का अनुपात 7:30 था परंतु अब कार्यक्रम पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित किया जाएगा!

इसके द्वारा दूषित जल से भौतिक रासायनिक और जैविक प्रक्रियाओं द्वारा संदूषकों को दूर किया जाता है!

नमामि गंगे कार्यक्रम के शीर्ध कायार्न्वयन की निगरानी के लिए जिला स्तरीय समितियों का गठन किया जाना है!

10 स्मार्ट गंगा सिटी स्कीम

मिशन निदेशक डॉ रजत भार्गव ने बताया कि गंगा नदी विकास के लिये 20 हजार करोड़ की योजना बनायी गयी है. जिसमें 8000 करोड़ पुराने घटकों के लिये और 12000 करोड़ नये घटकों के लिये है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना में नॉन लेप्स फंड उपलब्ध कराये हैं. जो वित्तीय वर्ष में कभी भी लैप्स नहीं करेगा.
32 शहरों में 7500 एमएलडी सिवेज सिस्टम : श्री भार्गव ने बताया कि सरकार ने तीन स्तर की गतिविधि बनायी है. गंगा मिशन में कुल 7500 एमएलडी सिवेज सिस्टम को करना था. जिसमें 3300 पूर्ण है. 900 एमएलडी सिवेज में कार्य जारी है और 3100 एमएलडी सिवेज शेष है. सिवेज सिस्टम में सौ फीसदी ढांचा में स्थानीय प्रशासन की सौ फीसदी सफलता की जवाबदेही है.

निर्माण कार्य के लिये सरकार 40 फीसदी राशि सीधे देगी जबकि 60 फीसदी राशि 15-20 वर्षों में देगी. इस गंगा मिशन में केंद्र सरकार ने पूरी सौ फीसदी राशि देगी. पूरे देश में 32 शहरों का सर्वे हुआ है. जिसमें प्रथम चरण में 10 शहरों को लिया गया है. जिसमें 201 योजनाओं को लांच किया गया है. संस्थागत व्यवस्था में एसटीपी चलाया जा रहा है.

इस मिशन में स्थानीय निकाय, निगम, प्रशासन का सहयोग और केंद्र व राज्य सरकार का कॉर्डिनेशन जरूरी है. इस वीडियो कांफ्रेस में साहिबगंज से डीसी उमेश प्रसाद सिंह, विधायक अनंत कुमार ओझा, एसडीओ मृत्युंजय वरणवाल, डीआरडीए निदेशक श्रीपति गिरि, नगर पर्षद अध्यक्ष राजेश प्रसाद गोंड, नगर पंचायत अध्यक्ष राजमहल भावना गुप्ता, सिटी प्रबंधक अमर लकड़ा व एमएलडी के शोधकर्ता उपस्थित थे!

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